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'मस्जिद में गूंजेंगे संस्कृत के मंत्र…' अजमेर का अढाई दिन का झोपड़ा चर्चा में, बीजेपी MP के बयान से सियासत गरम

जयपुर शहर के बीजेपी सांसद सांसद बोहरा ने कहा कि अढ़ाई दिन के झोपड़े से गुलामी की मानसिकता झलकती है.
02:39 PM Jan 09, 2024 IST | Avdhesh
 मस्जिद में गूंजेंगे संस्कृत के मंत्र…  अजमेर का अढाई दिन का झोपड़ा चर्चा में  बीजेपी mp के बयान से सियासत गरम

Ajmer Adhai Din ka Jhonpra: राजस्थान के अजमेर जिले में बना अढाई दिन का झोपड़ा एक बार फिर सुर्खियों में है जहां जयपुर शहर से बीजेपी सांसद रामचरण बोहरा ने राजस्थान यूनिवर्सिटी के स्थापना दिवस समारोह के दौरान राज्यपाल कलराज मिश्र की उपस्थिति में कहा कि अजमेर में अढ़ाई दिन के झोपड़े का निर्माण महाराज विग्रह राज चौहान ने संस्कृत विद्यालय के लिए करवाया था, लेकिन 1194 में मोहम्मद गौरी ने संस्कृत विद्यालय को झोपड़े में बदल दिया लेकिन यहां पर आज भी संगमरमर के शिलालेख हैं जिसमें संस्कृत विद्यालय के प्रमाण हैं.

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सांसद बोहरा ने कहा कि अढ़ाई दिन के झोपड़े से गुलामी की मानसिकता झलकती है और अब इससे मुक्ति पाने के दिन आ गए हैं और अब वह दिन दूर नहीं जब इस इमारत में फिर से संस्कृत के मंत्र गूंजेंगे और जल्द ही अजमेर की इस मस्जिद में संस्कृत के मंत्रों का पाठ किया जाएगा. बोहरा के इस बयान के बाद प्रदेश की सियासत एक बार फिर गरमा गई और इसे लोकसभा चुनावों से जोड़कर भी देखा जाने लगा.

सांसद ने क्या कहा?

लोकसभा सांसद रामचरण बोहरा ने सोमवार को राजस्थान विश्वविद्यालय में 78वें स्थापना दिवस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए दावा किया कि वह दिन दूर नहीं जब अजमेर के अढ़ाई दिन का झोंपड़ा में फिर से संस्कृत मंत्रों का पाठ किया जाएगा. उन्होंने दावा किया कि 12वीं सदी की मस्जिद एक संस्कृत विश्वविद्यालय के ऊपर बनाई गई थी जिसके अवशेष अभी भी वहां देखे जा सकते हैं.

बोहरा ने कहा कि अजमेर में अढ़ाई दिन का झोंपड़ा नाम की एक जगह है, यह पहले एक संस्कृत विश्वविद्यालय था जिसे महाराजा विग्रहराज चौहान (जिन्होंने 1150 से 1164 तक अजमेर पर शासन किया था) ने बनाया था और यह था इसका नाम सरस्वती कंठ भारणम संस्कृत विश्वविद्यालय रखा गया था.

बोहरा ने कहा कि अढ़ाई दिन का झोंपड़ा उस विश्वविद्यालय के ऊपर 1194 में बनाया गया था जब मुहम्मद गौरी के गवर्नर कुतुब-उद-दीन ऐबक ने उनके निर्देश पर इसे ध्वस्त कर दिया गया था. उन्होंने कहा कि अढ़ाई दिन का झोंपड़ा के मुख्य द्वार के बाईं ओर एक संगमरमर का शिलालेख है जहां विश्वविद्यालय का उल्लेख है.

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