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दिव्यांगो के लिए महात्मा गांधी दिव्यांग विश्वविद्यालय की घोषणा के बाद काम नही बढा आगे,कुलपति कुसुमलता भंडारी ने की मुख्यमंत्री से मांग

09:44 AM Sep 24, 2024 IST | Anand Kumar

RAJASTHAN NEWS: समाज के सबसे कमजोर वर्ग में गिने जाने वाले दिव्यांगो के लिए राजस्थान सरकार द्वारा कई तरह की योजनाएं चलाई जा रही है जिनका उनको लाभ मिल रहा है। मगर राजस्थान की पूर्व कांग्रेस सरकार में सेंशन हुई महात्मा गांधी दिव्यांग विश्वविद्यालय की घोषणा के पार लगने का आज भी इंतजार किया जा रहा है। राजस्थान की पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार द्वारा दिव्यांग महात्मा गांधी विश्वविद्यालय की घोषणा की थी जिसके तहत बजट सेंशन करने के साथ ही 18 नवीन पदों के सृजन की मंजूरी भी दी थी मगर अभी तक इसका कार्य आगे नही बढ पाने के कारण आज भी दिव्यांगों को इसका इंतजार है। ऐसे में इसकी नवनियुक्त कुलपति कुसुमलता भंडारी ने राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा से मांग करते हुए इसके लिए बजट देने और इसके कार्य को आगे बढ़ाने की मांग की है।

चौखा मे 30 बीघा जमीन भी सेंशन

जोधपुर के चौखा के पास 30 बीघा जमीन पर बनने वाले दिव्यांग विश्वविद्यालय का काम अभी तक शुरू तक नहीं हो पाया है। हालांकि पूर्ववर्ती सरकार में इसके लिए जोधपुर की रहने वाली और दिव्यांगों के हितो में काम करने वाले कुसुमलता भंडारी को इस विश्वविद्यालय का कुलपति जरूर नियुक्त कर दिया गया है मगर उसके बाद किसी प्रकार का काम आगे नही बढा है। बजट का सेंशन भी पूरी तरह से नही होने के कारण किसी प्रकार का अभी तक निर्माण कार्य शुरू नही हुआ है। साथ ही किसी प्रकार से कोई भी किराये के भवन में भी संचालन की अनुमति नही मिली है।

गहलोत के समय की गई थी इसकी घोषणा

गौरतलब है कि पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार में पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा इसकी घोषणा करने के साथ ही 18 नवीन पदों को सृजन की मंजूरी दे दी थी। इन पदों में कुलपति, कुलसचिव, वित्त नियंत्रक, निजी सचिव, सहायक लेखाधिकारी ग्रेड-1, अनुभाग अधिकारी, वरिष्ठ सहायक का 1-1, निजी सहायक ग्रेड-2, सूचना सहायक, कनिष्ठ सहायक एवं वाहन चालक के 2-2 तथा चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के 3 पद शामिल हैं। मगर अभी तक केवल कुलपति की नियुक्ति के अलावा कुछ भी काम आगे नहीं बढा है। जिसके चलते इसके कार्य आगे बढाने की मांग की जा रही है।

समाज के सबसे कमजोर वर्ग पर ध्यान दे सरकार

महात्मा गांधी दिव्यांग विश्वविद्यालय की कुलपति कुसुमलता भंडारी ने राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा से मांग करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री इस ओर ध्यान देते हुए समाज के सबसे कमजोर वर्ग जिनके विकास की जरूरत है। उनके विकास के लिए शीघ्र ही बजट दे और इसके लिए स्टाफ उपलब्ध कराए। साथ ही उन्होंने कहा कि अभी तक हमे रजिस्ट्रार तक भी उपलब्ध नहीं कराया गया है। भंडारी ने कहा कि जल्द ही यह विश्वविद्यालय बनता है तो दिव्यांगजन बेहतर उच्च शिक्षा प्राप्त कर अपने उज्जवल भविष्य का निर्माण कर सकेंगे।

कुलपति तो बना दिया मगर नही दी कोई सुविधाएं

कुसुमलता भंडारी को महात्मा गांधी दिव्यांग विश्वविद्यालय की कुलपति बनाए जाने के बाद बात की जाए तो आज दस महीने बीत जाने के बाद उनकी तंख्वाह तक उनके खाते में आज तक नही आई है। ही किसी प्रकार से रजिस्ट्रार उनको उपलब्ध तक नही करवाया गया। कुलपति के प्रोटोकॉल के तहत दी जाने वाली गाडी व ड्राइवर इत्यादि के अलावा तमाम सुविधाओं से भी कुसुमलता भंडारी अभी तक वंचित है। अपने निजी संसाधनों के माध्यम से ही कुसुमलता भंडारी फिलहाल काम चला रही है। कुसुमलता भंडारी ने इससे संबंधित मंत्री से लेकर एडिशनल चीफ सेक्रेट्री से भी मुलाकात कर मांग कर चुकी है। मगर अभी तक कोई काम आगे नही बढा है।

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