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JNU, जामिया के बाद दिल्ली यूनिवर्सिटी में BBC की डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग की तैयारी, जमकर हो रहा बवाल

10:57 AM Jan 27, 2023 IST | Jyoti sharma

BBC  की विवादित डॉक्यूमेंट्री का बवाल थमने का नाम नहीं ले रहा है। इसकी स्क्रीनिंग के लिए पहले JNU औऱ जामिया यूनिवर्सिटी में विवाद हो चुका है तो अब दिल्ली यूनिवर्सिटी में इसे दिखाने की तैयारी की जा रही है। DU के छात्र संगठनों ने इसका ऐलान कर दिया है, जिसके बाद यूनिवर्सिटी प्रशासन अलर्ट मोड में आ गया है। बता दें कि विश्वविद्यालय प्रशासन ने इसकी अनुमति नहीं दी, बावजूद इसके छात्र संगठन ने हंगामा काट कर इसकी स्क्रीनिंग का ऐलान कर दिया।

DU में कांग्रेस की छात्र शाखा NSUI ने प्रशासन की मंजूरी के बावजूद इस डॉक्यूमेंट्री इंडिया: द मोदी क्वेश्चन की स्क्रीनिंग का ऐलान कर दिया। इधर विश्वविद्यालय प्रशासन का कहना है कि कैंपस के अंदर की स्क्रीनिंग की इजाजत किसी भी छात्र या छात्र संगठन ने नहीं ली है। लेकिन इसके बावजूद ये डॉक्यूमेंट्री दिखाने का ऐलान कर दिया है। इसे लेकर अब कैंपस के अंदर सारे वो इंतजाम कर दिए हैं ताकि छात्र उस डॉक्यूमेंट्री का प्रसारण न कर सकें, लेकिन अगर कैंपस के बाहर इस तरह का काम होता है तो इसकी जिम्मेदारी प्रशासन की नहीं बल्कि पुलिस की होगी।

जमिया और JNU में हो चुका है हंगामा

इस डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग को लेकर जामिया और JNU में भी जमकर हंगामा हुआ था। JNU में तो इसके प्रसारण को लेकर पथराव तक हो गया था। जामिया में लेफ्ट छात्र संगठन स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया यानी SFI ने इस डॉक्यूमेंट्री को दिखाने का ऐलान किया था तो JNU में तो रात 9 बजे छात्रों ने डॉक्यूमेंट्री देख डाली थी। इस डॉक्यूमेंट्री को देखते हुए ABVP के छात्रों ने उन्हें जब पकड़ा तो जमकर हंगामा हुआ एक-दूसरे पर पत्थरबाजी तक हुई। इस मामले में ABVP के 25 छात्रों पर FIR भी दर्ज हो गई थी।

डॉक्यूमेंट्री को लेकर क्यों हो रहा विवाद ?

दरअसल इस डॉक्यूमेंट्री को ब्रिटिश ब्रॉडकास्ट कॉरपोरेशन यानी BBC ने बनाई है। BBC ने साल 2002 में हुए गुजरात दंगों के दौरान तत्कालीन सरकार के कामकाज और उन पर लगे आरोपों को दर्शाया है। खासकर उस समय गुजरात के मुख्यमंत्री रहे नरेंद्र मोदी पर बीबीसी के सवाल-जवाबों को भी शामिल किया है जिसमें उन्होंने पत्रकार के सवालों और उनके विश्लेषण को पूरी तरह नकारते दिखाया गया है। इस डॉक्यूमेंट्री वह तथ्य भी शामिल किए गए हैं जिन पर सुप्रीम कोर्ट तक नरेंद्र मोदी को क्लीन चिट दे चुकी है। फिर भी उन तथ्यों को इस डॉक्यूमेंट्री में शामिल किया गया है और प्रसारित किया गया है। इस पर भाजपा-RSS ने आपत्ति जताई, जिसके बाद इस डॉक्यूमेंट्री को भारत में बैन कर दिया गया।

भारत सरकार के इस डॉक्यूमेंट्री पर बैन के विरोध में कांग्रेस, TMC, लेफ्ट पार्टी समेत कई विपक्षी दल हैं। उन्होंने भारत सरकार औऱ भाजपा-RSS पर निशाना साधा है औऱ कई सवाल खड़े कर दिए। बता दें कि डॉक्यूमेंट्री के समर्थन में कांग्रेस नेता एके एंटनी के बेटे अनिल एंटनी ने कांग्रेस के सभी पद से इस्तीफा भी दे दिया।

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