राजस्थान के ये दो मंत्री इस बार नहीं लड़ना चाहते चुनाव, क्या रेस से होंगे बाहर या सियासी बयानबाजी?
Hemaram Choudhary-Vishvendra Singh : जयपुर। राजस्थान में कांग्रेस के करीब 100 उम्मीदवारों की पहली सूची कभी भी जारी हो सकती है। टिकट के लिए नेता जयपुर से लेकर दिल्ली तक की दौड़ लगा रहे हैं। लेकिन राजस्थान में दो मंत्री ऐसे भी हैं जो इस बार चुनाव ही नहीं लड़ना चाहते है। खास बात ये है कि चुनाव लड़ने की मंशा नहीं रखने वाले दोनों ही मंत्री इस बात का सार्वजनिक रूप से ऐलान भी कर चुके है। ऐसे में बड़ा सवाल ये है कि क्या ये दोनों ही चुनावी रण में उतरेंगे या नहीं? वैसे कांग्रेस के उम्मीदवारों की लिस्ट आने के बाद ही स्थिति साफ हो पाएगी। लेकिन, सूची जारी होने से पहले ही एक मंत्री तो प्रचार भी शुरू कर चुके हैं। ऐसे में मंत्री के बयान को सिर्फ सियासी बयानबाजी माना जा रहा है।
दरअसल, वन मंत्री हेमाराम चौधरी के चुनाव नहीं लड़ने के ऐलान के बाद अब कैबिनेट मंत्री विश्वेंद्र सिंह ने चुनाव नहीं लड़ने की मंशा जाहिर की है। विश्वेंद्र सिंह ने बुधवार को कुम्हेर के सिनसनी गांव में सिनसीना बाबा की पूजा-अर्चना के बाद कहा कि इस बार मेरा चुनाव लड़ने का बिल्कुल भी मन नहीं था, लेकिन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि आपको चुनाव लड़ना पड़ेगा, क्योंकि यह विकास का चुनाव है।
चुनाव प्रचार का आगाज करते हुए मंत्री विश्वेंद्र सिंह ने कहा कि यह चुनाव जनता और विकास का चुनाव है। विकास के लिए जो मैंने वित्तीय स्वीकृति निकलवाईं हैं और उन्हें पूरा करने के लिए मैं चुनाव लड़ रहा हूं। मेरे मन में इस बार चुनाव लड़ने का कोई इरादा नहीं था, लेकिन सीएम ने कहा कि आपको चुनाव लड़ना पड़ेगा। बता दें कि विश्वेंद्र सिंह के प्रयास से ही डीग नया जिला बना है। ऐसे में इस बार विधानसभा चुनाव विश्वेंद्र सिंह के लिए काफी फायदेमंद साबित होगा।
मंत्री चौधरी ने भी चुनाव लड़ने से किया इनकार
इधर, बाड़मेर जिले के गुढ़मलानी विधायक और वन मंत्री हेमाराम चौधरी भी पिछले दिनों सार्वजनिक रूप से ऐलान कर चुके है कि वो इस बाद विधानसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे और दूसरों को चुनाव लड़ने के लिए मौका देंगे। उनके इस ऐलान के बाद दो दिन पहले ही कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने गुढ़मलानी में मीटिंग बुलाई, जिसमें मंत्री चौधरी को भी आमंत्रित किया गया। इस दौरान सैंकड़ों कार्यकर्ताओं ने उन्हें चुनाव लड़ने के लिए मनाया। इस दौरान कई समर्थकों ने तो अपनी पगड़ी तक उतारकर चौधरी के चरणों में रख दी और फूट-फूटकर रोने लगे। लेकिन, मंत्री चौधरी अपने वादे पर अड़े रहे। उन्होंने समर्थकों से साफ-साफ कहा था कि अगर तुम लोग नहीं मानोगे तो मैं अन्न-जल त्यागकर यही पर धरने पर बैठ जाऊंगा। इस दौरान मंत्री चौधरी ने भी अपनी पगड़ी समर्थकों के पैरों में रखना चाहा। लेकिन, समर्थकों ने उन्हें ऐसा करने से रोक लिया। ऐसे में यह माना जा रहा है कि चौधरी इस बार चुनावी रण में नहीं उतरेंगे।
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