एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट : 21 मार्च को विधानसभा में बिल पारित होने तक जारी रहेगा प्रदेशभर में वकीलों का कार्य बहिष्कार
प्रदेश भर में एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट को लेकर वकीलों की हड़ताल जारी है। अब राजस्थान हाईकोर्ट एडवोकेट एसोसिएशन, जोधपुर और राज्य के सभी बार संघों के प्रतिनिधियों ने फैसला लिया है कि एडवोकेट प्रोटेक्शन बिल जब तक विधानसभा में पारित नहीं हो जाता, तब तक वे अपनी इच्छा के अनुसार अनिश्चितकालीन बहिष्कार जारी रखेंगे।
13 मार्च को अब नहीं होगा विधानसभा का घेराव
इस मामले को लेकर एसोसिएशन ने एक पत्र जारी किया है, जिसमें उन्होंने लिखा है कि बीती 9 मार्च को सरकार द्वारा सात मंत्रियों जिसमें विधि मंत्री शांति धारीवाल, मंत्री महेश जोशी, मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास समेत अन्य मंत्रियों, जोधपुर और जयपुर की बार एसोसिएशन के पदाधिकारियों की गठित कमेटी की वर्चुअल बैठक हुई थी, उसमें शांति धारीवाल ने 15 मार्च को एडवोकेट प्रोटेक्शन बिल को विधानसभा में पेश करने और 21 मार्च को उसे विधानसभा में पास करवाने का ऐलान किया था।
इसलिए अब एडवोकेट्स का 13 मार्च को प्रस्तावित विधानसभा का घेराव कार्यक्रम स्थगित कर दिया है। जब तक 21 मार्च को विधानसभा में पारित नहीं हो जाता तब तक पूरे प्रदेश के वकील स्वैच्छिक रूप से न्यायिक कार्य में भाग नहीं लेंगे, लेकिन अगर 21 मार्च को भी बिल पारित नहीं होता है तो संयुक्त संघर्ष समिति संयुक्त रूप से आंदोलन करेगी और तब तक कोर्ट-कचहरियों में अधिवक्ता अपनी हाजिरी भी नहीं देंगे।
जब तक पारित नहीं होता बिल, तब रहेगा कार्य बहिष्कार
बता दें कि जोधपुर में वकील जुगराज की हत्या के बाद प्रदेशभर में वकीलों द्वारा एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट को लागू करने की मांग को लेकर कार्य बहिष्कार किया जा रहा है, जिसे लेकर पूरे राज्य की कोर्ट कचहरियों में काम रुका हुआ है। जिससे आम लोगों को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है लेकिन सरकार ने अब इस समस्या का समाधान निकाल लिया है अब आगामी 21 मार्च को यह बिल विधानसभा में पास किया जाएगा।
इस फैसले के बाद यह संभावना जताई जा रही है कि अब जल्द ही प्रदेश भर में हड़ताल पर निकले वकीलों का प्रदर्शन खत्म कर दिया जाएगा, लेकिन आज जारी हुए राजस्थान हाईकोर्ट एसोसिएशन जोधपुर के इस पत्र में इस संभावना को खारिज कर दिया हालांकि वकीलों ने 13 मार्च को प्रस्तावित विधानसभा घेराव कार्यक्रम को स्थगित कर दिया है।