फ्रांस से 26 राफेल-3 स्कॉर्पीन पनडुब्बियां खरीदेगा भारत
नई दिल्ली। भारत ने एक बड़े रक्षा सौदे के रूप में फ्रांस से 26 राफेल लड़ाकू विमान और तीन स्कॉर्पीन श्रेणी की पारंपरिक पनडुब्बियां खरीदने की योजना बनाई है। रक्षा अधिग्रहण परिषद ने इसकी मंजूरी दे दी है। एक रक्षा अधिकारी ने गुरुवार को बताया कि रक्षा अधिग्रहण परिषद ने भारतीय नौसेना के लिए तीन अतिरिक्त स्कॉर्पीन श्रेणी की पनडुब्बियों के साथ 22 राफेल एम और चार दो सीटों वाले ट्रेनर संस्करणों सहित 26 राफेल लड़ाकू विमान खरीदने के प्रस्तावों को मंजूरी दे दी है। भारतीय वायु सेना के लिए फ्रांस से 36 राफेल विमान पहले ही खरीदे जा चुके हैं।
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रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता वाली रक्षा खरीद परिषद (डीएसी) ने उस दिन इस योजना को मंजूरी दी, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दो दिवसीय पेरिस यात्रा शुरू हुई। डीएसी रक्षा खरीद पर निर्णय लेने वाली रक्षा मंत्रालय की सर्वोच्च इकाई है। उसने भारत में तीन और स्कॉर्पीन पनडुब्बियों के विनिर्माण के प्रस्ताव को भी स्वीकृति दी। रक्षा खरीद बोर्ड (डीपीबी) ने एक सप्ताह पहले ही परियोजनाओं को स्वीकृति दे दी थी।
पेरिस में हो सकती है रक्षा खरीद परियोजनाओं की घोषणा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों की शुक्रवार को पेरिस में होने वाली व्यापक बातचीत के बाद रक्षा खरीद परियोजनाओं की घोषणा की जा सकती है। रक्षा खरीद बोर्ड (डीपीबी) ने एक सप्ताह पहले ही परियोजनाओं को स्वीकृति दे दी थी।
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क्या है स्कॉर्पीन क्लास की खासियत
दूनिया के सबसे बेस्ट रडार सिस्टमों में से एक स्कॉर्पीन क्लास पनडुब्बी में रहता है। इसका इस्तेमाल खुफिया मिशन को अंजाम देने में किया जाता है। अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस यह पनडुब्बी रडार को चकमा देने में माहिर है। भारत के पास मौजूदा समय में 6 पनडुब्बियां हैं और फ्रांस के साथ डील कंफर्म होने के बाद इसकी संख्या बढ़कर 9 हो जाएगी। यह पानी के भीतर समुद्री सुरंग बिछाने में सक्षम है। इसकी मदद से एंटी-टॉरपीडों काउंटरमेजर सिस्टम लगाया जाता है। कहा जाता है कि पनडुब्बी पानी के भीतर 37 किमी तो पानी के ऊपर 20 किमी प्रतिघंटा की रफ्तार से चल सकती है। पनडुब्बी की लंबाई 221 फीट, जबकि ऊंचाई 40 फीट है। साथ ही यह 350 फीट की गहराई तक में उतर सकती है। इसमें 8 सैन्य अधिकारी और 35 नाविक एकसाथ सवार हो सकते हैं।