दो करोड़ के घूसकांड में फंसी ASP दिव्या मित्तल तीन दिन के रिमांड पर, एसीबी कोर्ट ने जारी किया आदेश
अजमेर। हरिद्वार के दवा निर्माता कंपनी के मालिक से दो करोड़ रूपए की रिश्वत मांगने वाली अजमेर एसओजी की एएसपी दिव्या मित्तल को मंगलवार को एसीबी के विशेष न्यायालय में पेश किया गया। जहां कोर्ट ने दिव्या मित्तल को तीन दिन के रिमांड पर एसीबी को सौंपा है। वहीं एसीबी की टीमें बर्खास्त सिपाही की तलाश में भी जुटी हुई है।
तीन दिन की रिमांड पर दिव्या मित्तल
एसीबी के एएसपी पुष्पेन्द्र सिंह के नेतृत्व में जांच अधिकारी डीएसपी मांगीलाल और अन्य टीम जयपुर से एएसपी दिव्या मित्तल को लेकर अजमेर के एसीबी न्यायालय पहुंची। जहां पर विशेष न्यायाधीश के समक्ष मित्तल की पेशी हुई। एसीबी ने आरोपी के मोबाइल की बरामदगी, अन्य दस्तावेजों की जांच और पूछताछ के लिए चार दिन के रिमांड के लिए न्यायालय में प्रार्थना पत्र पेश किया। जिस पर न्यायाधीश ने तीन दिन का रिमांड स्वीकृत करते हुए आदेश जारी किए हैं।
एएसपी पुष्पेन्द्र सिंह ने बताया कि आरोपी एएसपी दिव्या मित्तल को तीन दिन के रिमांड पर सौंप दिया गया है। फिलहाल एसीबी की टीम दिव्या मित्तल से पूछताछ कर रही है।
दिव्या मित्तल के वकील ने कही ये बात
आरोपी दिव्या मित्तल की ओर से एडवोकेट प्रीतम सिंह सोनी पैरवी कर रहे हैं। सोनी ने कहा कि एसीबी ने झूठा मुकदमा दर्ज किया है। इस मामले में एसीबी ने सर्च की रिपोर्ट पेश नहीं की और अब चार दिन का रिमांड मांगी गई है जो कि गलत है। उन्होंने एसीबी के प्रार्थना पत्र को खारिज करने की मांग की। सोनी ने कहा कि रामगंज और अलवरगेट थाने के तीन एनडीपीएस के मामले दर्ज हैं। उन केसों की जांच उनकी क्लाइंट एएसपी दिव्या मित्तल कर रही है। इन केसों से हटाने के लिए ही यह मुकदमा दर्ज कर गलत तरीके से गिरफ्तार किया है।
एडवोकेट सोनी ने कहा कि सभी आरोपी चाहते थे कि एएसपी दिव्या मित्तल इस केस से हट जाए, इसके चलते ही उनके खिलाफ षडयंत्र रचा गया है। एएसपी दिव्या मित्तल से ना तो कोई बरामदगी हुई है और ना ही कोई सबूत मिला, इसके बावजूद भी एसीबी ने गिरफ्तार किया। इसकी भी न्यायालय के समक्ष आपत्ति दर्ज करवाई गई है।
आय से अधिक सम्पत्ति के आरोप!
एसीबी ने बैंक अकाउंट और लॉकर को भी खंगाला है। साथ ही सम्पत्ति का भी ब्यौरा जुटाया है। जिसमें माना जा रहा है कि दिव्या मित्तल के पास आय से अधिक सम्पत्ति हो सकती है। दिव्या मित्तल से क्या कुछ बरामद हुआ है, फिलहाल एसीबी इसका खुलासा नहीं कर रही है। गौरतलब है कि हरिद्वार की दवा निर्माता कम्पनी के मालिक से दिव्या मित्तल ने बर्खास्त सिपाही के जरिए दो करोड़ रूपए की रिश्वत की डिमांड उदयपुर के रिसोर्ट में की थी।
इसके बाद दवा कम्पनी के मालिक ने एसीबी को 4 जनवरी को शिकायत दी। एसीबी ने 12 जनवरी को ट्रेप की कार्रवाई के लिए जाल भी बिछाया था। लेकिन शातिर आरोपी सुमित ने यह राशि नहीं ली और ट्रेप फेल हो गया था। इसके बाद एसीबी ने एएसपी दिव्या मित्तल और बर्खास्त सिपाही सुमित कुमार के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था। एसीबी ने कोर्ट से वारंट लेकर अजमेर एसओजी ऑफिस सहित चार जिलों के पांच स्थानों पर सर्च की कार्रवाई भी की थी। जिसमें भी कई दस्तावेज मिले हैं।
(इनपुट- नवीन वैष्णव, अजमेर)