होमइंडिया
राज्य | राजस्थानमध्यप्रदेशदिल्लीउत्तराखंडउत्तरप्रदेश
मनोरंजनटेक्नोलॉजीस्पोर्ट्स
बिज़नेस | पर्सनल फाइनेंसक्रिप्टोकरेंसीबिज़नेस आईडियाशेयर मार्केट
लाइफस्टाइलहेल्थकरियरवायरलधर्मदुनियाshorts

ऑर्गन ट्रांसप्लांट की फर्जी NOC मामला: ACB ने गिरफ्तार आरोपियों से उगलाए कई राज

Organ Transplant Fake NOC: ऑर्गन के ट्रांसप्लांट के मामले में बरामद फर्जी एनओसी के बाद एसीबी के रडार पर हैं प्रदेश के दर्जनों अस्पताल।
05:34 PM Apr 03, 2024 IST | BHUP SINGH

Organ Transplant Fake NOC : राजस्थान के सबसे बड़े सवाईमानसिंह सरकारी अस्पताल में ऑर्गन ट्रांसप्लांट की फर्जी एनओसी (NOC) जारी करने के मामले में राजस्थान एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) ने जांच पड़ताल जारी की है। रैकेट चला रहे गिरफ्तार आरोपियों ने एसीबी की पूछताछ में कई चौंकाने वाले राज उगले हैं। जांच पड़ताल में सामने आया है कि बीते एक साल में करीब 800 से ज्यादा एनओसी जारी की जा चुकी हैं।

आरोपी गौरव के घर से एसीबी द्वारा बरामद की गई एनओसी में से करीब 40% नेपाल, बांग्लादेश और कंबोडिया के नागरिकों के सर्टिफिकेट बरामद हुए हैं। एसीबी ने सवाईमानसिंह अस्पताल के कार्यालय से काफी फाइलें सीज की हैं, जिनमें पिछले 3 साल के फर्जीवाड़े को खंगालेगी।

यह खबर भी पढ़ें:-Rajasthan Politics: भाजपा प्रभारी के बयान से सियासी गलियारों में हलचल तेज, रविंद्र सिंह भाटी को लेकर दिया बड़ा संकेत

छापेमारी में ACB के हाथ लगी 70 एनओसी

एसीबी ने एसएमस के सहायक प्रशासनिक अधिकारी गौरव सिंह के घर छापेमारी की जिसमें 70 फर्जी एनओसी सर्टिफिकेट मिले जो बायकायदा पंजीकृत भी थे। यहीं नहीं करीब 170 फर्जी सर्टिफिकेट ऐसे भी मिले जो भरे जाने बाकी थे। हैरान करने वाली बात तो यह है कि एसीबी द्वारा बरामद की गई 70 एनओसी में से 40% विदेशी नागरिकों के नाम पाई गई हैं। वहीं बीते 3 साल में 1 हजार के करीब एनओसी जारी हुई हैं, जिन पर एसीबी को संदेह है।

ज्यादतर डोनर और रिसिवर विदेशी

एसीबी के डीआईजी डॉ रवि ने बताया कि एसएमएस अस्पताल के सहायक प्रशासनिक अधिकारी गौरव सिंह की ओर से फर्जी हस्ताक्षर करके 75 कंप्लीट एनओसी में से 40% से ज्यादा मामले में डोनर और रिसिवर विदेशी हैं। यहीं नहीं पकड़े गए निजी अस्पतालों के दलाल इमरजेंसी के नाम से 1 से 1.5 लाख रुपए तक वसूली करते थे और फर्जी एनओसी जारी करने की एवज में एसएमएस अस्पताल के सहायक प्रशासनिक अधिकारी गौरव सिंह को 30 से 50 हजार रुपए की रिश्वत देते थे।

ACB की रडार पर कई प्रावइेट अस्पताल

ऑर्गन ट्रांसप्लांट के मामले में राजस्थान के दर्जन भर अस्पताल एसीबी के रडार पर हैं। इसमें मुंबई से भी अस्पतालों का लिंक सामने आया है। अगर एसीबी को प्रदेश के सबसे बड़े अस्पताल से और अन्य अस्पतालों के किसी पदाधिकारी का गिरोह से कनेक्शन मिलता है तो उन्हें किसी भी वक्त गिरफ्तार किया जा सकता है। क्योंकि बीते एक साल में एनओसी कमेटी की एक भी बैठक नहीं हुई, फिर कैसे ऑर्गन ट्रांसप्लांट की एनओसी जारी की गई। हालांकि, अभी तक ऑर्गन ट्रांसप्लांट में खरीद फरोख्त होने का कोई सबूत एसीबी के हाथ नहीं लगा है।

यह खबर भी पढ़ें:-बांसवाड़ा-डूंगरपुर में गठबंधन या फिर कांग्रेस उतारेगी उम्मीदवार? कल नामांकन का आखिरी दिन…कहां फंसा है पेच

अस्पतालों रिकॉर्ड खंगाल रही है एसीबी

एसीसी ने एसएमएस अस्पताल के सहायक प्रशासनिक अधिकारी गौरव सिंह को रिश्वत लेने के मामले में ट्रैप किया था, जिसके बाद EHCC अस्पताल में ऑर्गन ट्रांसप्लांट कोऑर्डिनेटर अनिल जोशी के साथ फॉर्टिस अस्पताल के ऑर्गन ट्रांसप्लांट कोऑर्डिनेटर विनोद को भी गिरफ्तार किया था। आरोपियों से पूछताछ के बाद एसीबी की टीमें जयपुर के निजी अस्पतालों से सर्चिंग में मिली फाइलों को खंगाल रही हैं।

Next Article