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Rajasthan: चलती ट्रेन में हुई महिला की डिलीवरी, नवजात की नहीं बच पाई जान

08:46 PM Oct 03, 2024 IST | Ravi kumar
rajasthan  चलती ट्रेन में हुई महिला की डिलीवरी  नवजात की नहीं बच पाई जान
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Rajasthan News: राजस्थान से एक अनोखा मामला सामने आया जिसने सबको हैरत में डाल दिया. दरअसल जोधपुर से दिल्ली सराय रोहिला जा रही ट्रेन की जनरल बोगी में बुधवार देर रात एक प्रसूता की प्री-मैच्योर डिलीवरी हो गई. यात्रियों ने रतनगढ़ स्टेशन पर ट्रेन रोकी. ट्रेन में मौजूद टीटीई जगदीश पाल ने सजगता दिखाई और ट्रेन की एसी कोच में यात्रा कर रही महिला चिकित्सक को लेकर मौके पर पहुंचे.

महिला यात्रियों की मदद से चिकित्सक ने प्रसूता की मदद की, लेकिन नवजात की जिंदगी नहीं बच पाई. बाद में महिला नवजात को रतनगढ़ स्टेशन पर एंबुलेंस से स्थानीय अस्पताल के लिए भेजने के बाद ट्रेन आगे बढ़ी.दरअसल, ट्रेन संख्या 22481 जोधपुर-दिल्ली सराय रोहिला एक्सप्रेस बुधवार शाम को करीब पौने सात बजे रवाना हुई थी. इस ट्रेन की जनरल बोगी में मेड़तारोड से अलवर तक का सफर तय करने के लिए प्रसूता ज्योति पत्नी अजय सवार हुई. ट्रेन रात करीब पौने बारह बजे रतनगढ़ पहुंची तब प्रसूता को पीड़ा होने लगी.

यात्रियों ने ट्रेन को रोका, इसकी जानकारी टीटीई जगदीश पाल को मिली तो उन्होंने ट्रेन के चार्ट से जानकारी जुटाई कि कोई चिकित्सक ट्रेन में सफर कर रहा है या नहीं. जब उन्हें ए-1 कोच में महिला चिकित्सक अंजलि के यात्रा करने का पता चला तो उनसे संपर्क किया. डॉक्टर को जनरल बोगी में प्रसूता के पास मदद के लिए लाया गया.

टीटीई पाल ने महिला यात्रियों, चिकित्सक का सहयोग करते हुए कूपे को खाली करवाया और एसी कोच की चद्दरों से उस कूपे को कवर कर दिया. इस दौरान डॉ. अंजलि ने प्रसूता को संभाला. प्रसूता को सात माह का गर्भ था और प्री-मैच्योर डिलीवरी होने के कारण बच्चे को बचाना संभव नहीं हो सका. ट्रेन करीब एक घंटे तक रतनगढ़ स्टेशन पर रूकी रही. प्रसव के बाद ज्योति को एंबुलेंस की मदद से रतनगढ़ के स्थानीय अस्पताल में भेजा गया है।

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