भरतपुर में 26 उंगलियों के साथ जन्मी अनोखी बच्ची, हाथों और पैरों में हैं इतनी उंगलियां, देखने वालों की लगी भीड़
भरतपुर। राजस्थान के भरतपुर जिले के कामां में शनिवार रात एक बच्ची ने जन्म लिया। डॉक्टरों ने डिलीवरी होने के बाद जब बच्ची को देखा तो हैरान रह गए। बच्ची के हाथ पैरों में 26 उंगलियां हैं। डॉक्टरों ने बताया कि कामां थाना इलाके में शनिवार रात एक बच्ची ने जन्म लिया। बच्ची के दोनों हाथों में 7-7 और पैरों में 6-6 उंगलियां हैं। इस बात का पता जब लोगों को लगा तो लोग बच्ची को देखने के लिए अस्पताल पहुंच रहे हैं। 26 उंगलियां वाली बच्ची इलाके में चर्चा का विषय बनी हुई है।
जानकारी के अनुसार, कामां सीएचसी में गोपानाथ मोहल्ले से शनिवार शाम को प्रसूता सरजू रूटीन चेकअप के लिए आई थी। महिला 8 महीने की गर्भवती थी। डॉक्टरों की जांच के दौरान ही सरजू को लेबर पेन शुरू हो गया। उसे हॉस्पिटल भर्ती कर लिया गया। शनिवार देर रात करीब 3.40 बजे सरजू ने एक बच्ची को जन्म दिया। जिसके हाथों में 2-2 और पैरों में 1-1 उंगली ज्यादा थीं।
कामां राजकीय हॉस्पिटल के डॉ. बीएस सोनी ने कहा- शनिवार रात सीएचसी कामां पर एक बच्ची का जन्म हुआ, जिसके हाथ-पैरों में ज्यादा उंगलियां हैं। इस केस को पॉलिडेक्टिली कहते हैं। ऐसे मामले बहुत कम होते हैं। इससे बच्ची के शरीर को कोई नुकसान नहीं होगा। यह जेनेटिक विसंगति की वजह से होता है। बॉडी पर इसका साइड इफेक्ट नहीं होता। न ही बच्ची को विकलांगता संबंधी किसी सरकारी योजना का लाभ मिलेगा। बच्ची और उसकी मां स्वस्थ है।
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जानकारी के अनुसार, सरजू का पति गोपाल भट्टाचार्य सीआरपीएफ में हेड कांस्टेबल के पद पर तैनात है। वह अपनी पत्नी की डिलीवरी के लिए छुट्टी लेकर घर आया हुआ था। बच्ची का जन्म रात 3.40 बजे हुआ। बच्ची और मां अभी अस्पताल में भर्ती हैं।
जानिए-क्या कहता विज्ञान…
जर्मनी की यूनिवर्सिटी ऑफ फ्रीबर्ग एंड इंपीरियल कॉलेज की 4 साल पहले हुई रिसर्च में सामने आया कि जिन लोगों के हाथों और पैरों में छह या इससे अधिक उंगलियां होती हैं, वे पांच उंगलियों वाले की अपेक्षा काम को ज्यादा बेहतर तरीके से अंजाम देते हैं। उनका दिमाग पांच उंगलियों वालों से ज्यादा तेज गति से काम करता है। साथ ही हर काम में बेहतर संतुलन बनाए रखता है।
शोधकर्ताओं का यह भी कहना है कि हाथ या पैर में अतिरिक्त उंगलियां होना कोई बीमारी नहीं होती। ऐसा 800 में से एक व्यक्ति को होता है। औसतन 500 में से एक व्यक्ति सर्जरी कर इसे निकलवा भी लेता है।
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नेचर कम्युनिकेशन में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक हाथ में अतिरिक्त उंगलियों वाले लोग जूते के फीते बांधने से लेकर टाइपिंग करने, पुस्तक के पेज पलटने और मोबाइल या वीडियो गेम खेलने में ज्यादा गति से काम करते हैं। हालांकि उन्हें हाथों में दस्ताने और पैरों में जूते पहनने में परेशानी होती है।