बाघिन टी-114 के एक शावक की मौत, 7 दिन पहले दो शावकों के साथ आया था नजर
सवाई माधोपुर। रणथंभौर नेशनल पार्क से वन्यजीव प्रेमियों के लिए बुरी खबर सामने आई है। पिछले दिनों रणथंभौर टाइगर रिजर्व फलोदी रेंज के खेतों में तीन शावकों विचरण करते देखे गए थे। इन्हीं में से एक शावक खेतों में मृत पाया गया। मृतक शावक संभवत: बाघिन टी-114 का पुत्र बताया जा रहा है।
खेत में बना हुआ था शावकों का मूवमेंट
वन विभाग के अनुसार, 25 जनवरी को पहली बार ग्रामीणों ने तीनों शावकों को खेतों में देखा था। बाघिन के तीन शावक दोलाड़ा गांव में नजर आए थे। ग्रामीणों ने इस बारे में वन विभाग को सूचना भी दी थी। जानकारी मिलते ही वन विभाग द्वारा तीनों शावको की मॉनिटरिंग की जा रही थी। इसके लिए विभाग की ओर से 20 से अधिक वन कर्मियों की टीम भी लगाई गई थी।
वन विभाग की टीम को शावक तो लगातार नजर आ रहे थे, लेकिन उनकी मां बाघिन टी-114 नजर नहीं आ रही थी। वन विभाग को पूर्व में बाघिन के पगमार्क मिलने की सूचना मिली थी, लेकिन इसके बाद भी विभाग की टीम को बाघिन को ट्रेस पाई थी। जिसके चलते वन विभाग की बाघिन व उसके अन्य दो शावकों को लेकर चिंताए और बढ़ गई है।
बाघिन टी-114 को ढूंढ रहा वन विभाग
वहीं शावक की मौत ने वन विभाग द्वारा की जा रही मॉनिटरिंग पर प्रश्नचिन्ह लगा दिया है। ग्रामीणों की सूचना देने के बावजूद भी शावक की मौत होना वन विभाग ने कोई कदम नहीं उठाया। शावक का अपनी मां से 7 दिन दूर रहने पर भी वन विभाग ने इनकी सुरक्षा व्यवस्था क्यों नहीं की। 7 दिन से अपनी मां से दूर रहना इन शावकों के लिए मुश्किल था। यह वन विभाग के सोचने का विषय है। मृतक शावक का फलोदी रेंज में मुख्य वन संरक्षक एवं उप क्षेत्र निदेशक शेडूराम यादव, उप वन संरक्षक संग्राम सिंह कटियार, सहायक वन संरक्षक मानस सिंह ने मौका निरीक्षण किया।
फलोदी रेंज के परिसर में वेटरनरी बोर्ड ने मृतक शावक के शव का पोस्टमार्टम किया। पोस्टमार्टम के बाद वन विभाग ने शावक का अंतिम संस्कार कर दिया। वन विभाग की टीमों द्वारा बाघिन टी-114 और दो शावकों को ढूंढने के प्रयास किए जा रहे हैं।