तुर्की-सीरिया में भूकंप से प्रलय, 4 हजार लोगों की मौत, जिंदगी की जंग लड़ रहे हजारों लोग
तुर्की और सीरिया में भूकंप से मची तबाही के चलते अब तक 4000 लोगों की मौत हो चुकी हैं और करीब 8000 लोग घायल है। तुर्की में सोमवार अल सुबह 4.17 बजे 7.8, 4.26 बजे 6.4 की तीव्रता के दो भूकंपों के कारण कई इमारतें गिर गई। देर रात तक करीब 1700 लोगों की मौत हो चुकी हैं। वहीं, सीरिया में मरने वालों की कुल संख्या करीब 1300 हो चुकी है। दो झटकों के बाद भी आपदा ने चैन नहीं लेने दिया और ग्रीनविच समयानुसार सोमवार पूर्वाह्न 10.24 बजे के करीब एक और तेज भूकंप आया, जिसकी तीव्रता 7.5 आंकी गई।
इसका केंद्र सतह से महज 10 किलोमीटर नीचे था। फिर शाम 5.32 बजे 6 की तीव्रता का झटका आया। कुल करीब 50 झटके दर्ज किए गए। भूकंप के झटके डेनमार्क और ग्रीन लैंड के सिस्मोग्राफ पर भी देखे गए। तुर्की में करीब 2800 इमारतें गिर गई हैं। इससे पहले तुर्की में 1999 में 7.6 तीव्रता के भूकंप में 18 हजार मौतें हुई थी।
तुर्की: 10 शहर तबाह
तुर्की के करीब 10 शहरों को भूकं प ने तबाह कर डाला है। सीरिया में भी हालात बहुत ज्यादा खराब हैं। यहां पर मरने वालों की संख्या 1300 के पार पहुंच चुकी है। सीरिया के विभिन्न शहरों, अलेप्पो, टार्टस, हामा वगैरह में भारी तबाही का समाचार है। बताया जा रहा है कि अभी भी बड़ी संख्या में लोग अलग-अलग जगहों पर फंसे हुए हैं। मौतों का आंकड़ा भी और ज्यादा बढ़ सकता है।
सीरिया: हर 10वें मिनट में मिल रहा शव
तुर्की के डिजास्टर एंड इमरजेंसी मैनेजमेंट अथॉरिटी (एएफएडी) के हवाले से एक रिपोर्ट में बताया गया सीरिया में भी लगातार शवों के मिलने का सिलसिला जारी है। हर दसवें मिनट पर एक शव बरामद हो रहे हैं। दर्जनों लोगों के फंसे होने की आशंका है। स्थानीय अस्पताल पूरी तरह से भर गए हैं।
भारत ने बढ़ाया मदद का हाथ, टीम रवाना करने के निर्देश
तुर्की में भूकंप पीड़ितों की मदद के लिए भारत ने भी हाथ बढ़ाया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तुर्की के राष्ट्रपति से सांत्वना जताई है। साथ ही, पीएम मोदी ने सभी जरूरी सहायता मुहैया कराए जाने की बात भी कही है। पीएम मोदी ने अपने ट्वीट में लिखा कि तुर्की में भूकंप के चलते जान-माल की क्षति से दुख हआ। प्रधानमंत्री मोदी के प्रिंसिपल सेक्रेटरी पीके मिश्रा ने एक मीटिंग बुलाकर एनडीआरएफ और मेडिकल टीम को रवाना करने का निर्देश दिया। एनडीआरएफ की 100 सदस्यों वाली दो टीमें, स्पेशल ट्रेंड डॉग स्क्वॉड और जरूरी उपकरणों के साथ भूकंप प्रभावित क्षेत्रों के लिए उड़ान भरने के लिए तैयार हैं।
दुनिया के 5 बड़े भूकंप
31 मई 1935: क्वेटा: 60 हजार लोगों की मौत। तीव्रता 7.7 थी।
26 जनवरी 2001: कच्छ भुज (गुजरात): 30 हजार से ज्यादा मौतें। तीव्रता 7.7 थी।
8 अक्टूबर 2005: मुजफ्फराबाद (पीओके): 86 हजार से ज्यादा मौतें। तीव्रता 7.6 थी।
12 जनवरी 2010: पोर्ट ऑफ प्रिंस (हैती): तीन लाख से ज्यादा लोगों की मौत। तीव्रता 7 थी।
11 मार्च 2011: जापान में झटके और सुनामी: 18 हजार से ज्यादा मौतें। तीव्रता 9 थी।
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