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28वां राज्य स्तरीय भामाशाह सम्मान समारोह, शिक्षा मंत्री दिलावर बोले- भामाशाह देवतुल्य, उनके दिए एक-एक पैसे का होगा सदुपयोग

शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने रविवार को बतौर मुख्य अतिथि मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय परिसर स्थित स्वामी विवेकानंद सभागार में शिक्षा विभाग के तत्वावधान में आयोजित 28वें राज्य स्तरीय भामाशाह सम्मान समारोह को संबोधित किया।
05:04 PM Sep 01, 2024 IST | Digital Desk

Madan dilawer In Udaipur: शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने रविवार को बतौर मुख्य अतिथि मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय परिसर स्थित स्वामी विवेकानंद सभागार में शिक्षा विभाग के तत्वावधान में आयोजित 28वें राज्य स्तरीय भामाशाह सम्मान समारोह को संबोधित किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता जनजाति क्षेत्रीय विकास मंत्री बाबूलाल खराड़ी ने की।

पहली बार राजधानी जयपुर से बाहर उदयपुर में आयोजित हो रहे राज्य स्तरीय समारोह में शिक्षा मंत्री दिलावर ने कहा कि तत्कालीन मुख्यमंत्री श्री भैरोसिंह शेखावत ने वर्ष 1995 में भामाशाहों के सम्मान की परिपाठी शुरू की, जो आज भी जारी है। इसके सकारात्मक परिणाम भी मिल रहे हैं।

इस वर्ष प्रदेश के विद्यालयों के लिए 140 करोड़ रूपए से अधिक की राशि का सहयोग भामाशाहों के माध्यम से प्राप्त हुआ। उक्त राशि से विद्यालय में भौतिक सुविधाओं के साथ ही स्मार्ट क्लासेज, संसाधन आदि की व्यवस्था की जा रही है। उन्होंने दान का महत्व बताते हुए कहा कि जिस तरह कुएं से सिंचाई के लिए पानी निकालने पर कुछ ही घंटो में कुआं वापस भर जाता है, इसी प्रकार धन को सद्कर्म में लगाने से दुगुने लाभ की प्राप्त होती है।

शिक्षा एवं पंचायतीराज मंत्री मदन दिलावर ने कहा कि मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में राज्य सरकार प्रदेश में शैक्षणिक उन्नयन के लिए अहर्निश प्रयासरत है। भामाशाहों की ओर से दिए जा रहे सहयोग से गुणवत्तायुक्त शिक्षा, विद्यालयों में सुविधाओं के विस्तार पर कार्य हो रहा है। शिक्षा मंत्री होने के नाते भामाशाहों को विश्वास दिलाता हूं कि उनके द्वारा दान की गई राशि के एक-एक पैसे का सदुपयोग होगा।

देवतुल्य हैं भामाशाह- दिलावर

उन्होंने कहा कि दूसरों की पीड़ा समझने वाला कभी साधारण नहीं हो सकता। शिक्षा के लिए दान देने वाले सभी भामाशाह देवतुल्य हैं, जो बच्चों की पढ़ाई में आने वाली पीड़ा को समझते हुए उनके लिए सुविधाएं जुटाने सहयोग करते हैं। प्रारंभ में शिक्षा मंत्री ने मेवाड़ की वीर प्रसूता भूमि को प्रणाम करते हुए महाराणा प्रताप और भामाशाह का स्मरण किया। साथ ही उन्होंने राणा पूंजा, वीरबाला कालीबाई और गोविन्दगुरू को याद करते हुए नमन किया। उन्होंने कहा कि राजस्थान महापुरुषों, त्याग, तपस्या, शौर्य और वीरता की और भामाशाह की परंपरा वाली धरती है।

नवाचारों से कराया अवगत

शिक्षामंत्री दिलावर ने राज्य सरकार और शिक्षा विभाग की ओर से किए जा रहे नवाचारों से भी अवगत कराया। उन्होंने कहा कि विद्यालय परिसर को साफ-सुथरा रखने पर जोर दिया जा रहा है, ताकि शैक्षिक वातावरण अच्छा रहे। स्कूल समय में किसी भी शिक्षक को पूजा-पाठ अथवा अन्य धार्मिक कार्यक्रम के लिए जाने की अनुमति नहीं दी जाएगी।

शिक्षकों को कक्षा-कक्ष में मोबाइल ले जाने की अनुमति नहीं होगी। साथ ही बच्चों को साप्ताहिक रिवीजन कराने की भी व्यवस्था भी लागू की जा रही है। उन्होंने शीतकालीन अवकाशों में भी बदलाव के संकेत देते हुए कहा कि अब जब कड़ाके की ठण्ड होगी तभी शीतकालीन अवकाश घोषित किए जाएंगे।

प्लास्टिक उन्मूलन का आह्वान

शिक्षा मंत्री ने प्लास्टिक उन्मूलन पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि प्लास्टिक से न केवल पर्यावरण को क्षति पहुंच रही है, अपितु गो माता को भी खतरा है। उन्होंने सभागार में उपस्थित सभी लोगों से प्लास्टिक उन्मूलन में सहयोग का आह्वान किया।

सरकार जनजाति अंचल में शैक्षिक उन्नयन के लिए कटिबद्ध- खराड़ी

अध्यक्षीय उद्बोधन में जनजाति क्षेत्रीय विकास मंत्री बाबूलाल खराड़ी ने दधीचि, वामन अवतार व प्रताप-भामाशाह आदि की पौराणिक व ऐतिहासिक कथाओं के माध्यम से दान की महत्ता बताई। साथ ही उन्होंने कहा कि राज्य सरकार जनजाति अंचल में शैक्षिक सुविधाओं के विस्तार व सुदृढ़ता के लिए कटिबद्ध है।

प्रशस्ति पुस्तिका का विमोचन

समारोह में शिक्षा मंत्री सहित सभी अतिथियों ने विभाग को दिए जाने वाले सहयोग और उसके सदुपयोग पर आधारित प्रशस्ति पुस्तिका का विमोचन भी किया गया। इससे पूर्व राष्ट्रगीत वंदे मातरम् के समवेत स्वरों से कार्यक्रम की शुरूआत हुई। अतिथियों ने दीप प्रज्वलन, वाग्देवी सरस्वती और भामाशाह की छवि पर माल्यार्पण किया। शिक्षा विभाग के शासन सचिव कृष्ण कुणाल ने स्वागत उद्बोधन देते हुए कार्यक्रम की जानकारी दी। निदेशक आशीष मोदी, संयुक्त निदेशक उदयपुर महेंद्रकुमार जैन सहित अन्य अधिकारियों ने अतिथियों का साफा पहनाकर व पुष्पगुच्छ भेंट कर स्वागत किया। इस मौके पर अतिथियों ने प्रशस्ति पुस्तिका का विमोचन भी किया।

पौधरोपण में 3 विश्व कीर्तिमान

मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की पहल पर गत 7 व 8 अगस्त को हुए मुख्यमंत्री वृक्षारोपण अभियान-एक पेड़ मां के नाम के दौरान प्रदेश के विद्यालयों में 6 करोड़ से अधिक पौधे लगाए गए। वहीं, एक दिन में लगभग ढाई करोड़ पौधों का रोपण हुआ। पौधरोपण अभियान के दौरान शिक्षा विभाग की ओर से 3 विश्व कीर्तिमान भी स्थापित किए गए। समारोह में विश्व रिकार्ड संस्थान के प्रतिनिधि ने शिक्षा मंत्री मदन दिलावर को तीनों विश्व रिकार्ड के प्रमाण पत्र सौंपे।

शिक्षा मंत्री का किया अभिनंदन

समारोह में श्रीनाथजी मंदिर मंडल नाथद्वारा की ओर से सुधाकर शास्त्री और प्रतिनिधियों ने शिक्षा मंत्री दिलावर को शाला और उपरणा ओढ़ाकर अभिनंदन किया गया। इस मौके पर हल्दीघाटी के मोहनलाल श्रीमाली ने महाराणा प्रताप का चित्र भेंट किया।

157 भामाशाहों का सम्मान

राज्य स्तरीय समारोह में प्रदेश भर के विद्यालयों में दान देने वाले 157 भामाशाहों का प्रशस्ति पत्र व स्मृति चिह्न भेंट कर अभिनंदन किया गया। शिक्षामंत्री श्री दिलावर व टीएडी मंत्री श्री खराड़ी सहित अन्य ने भामाशाहों को शिक्षा विभूषण, शिक्षा भूषण की उपाधि से नवाजा।

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