27 हजार राशन डीलर आंदोलन पर उतरे, अटक सकता है 1 करोड़ परिवारों काे गेहूं का वितरण
जयपुर। खाद्य सुरक्षा के दायरे में आने वाले वाले एक करोड़ परिवारों को मिलने वाले गेहूं पर एक बार फिर तलवार लटक गई है। प्रदेश भर के राशन डीलर्स ने विभिन्न मांगों को लेकर दुकानें बंद कर हड़ताल पर जाने की चेतावनी दे दी है। लगातार आंदोलन के बाद भी मांगें पूरी नहीं होने पर आक्रोशित डीलरों ने शुक्रवार को प्रदेश के सभी जिला मुख्यालयों पर धरना-प्रदर्शन करते हुए एक बार फिर 16 मार्च को विधानसभा का घेराव करने का निर्णय लिया है। वहीं शुक्रवार को राशन डीलर समन्वय समिति के बैनर तले राशन डीलरों ने जिला प्रशासन को ज्ञापन देकर सरकार को चेतावनी दी और मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन भी सौंपा।
राशन डीलर समन्वय समिति राजस्थान के प्रदेश संयोजक डिंपल कुमार शर्मा ने कहा कि राशन डीलर अपनी मांगों को लेकर काफी लंबे समय से संघर्ष कर रहे हैं, लेकिन सरकार उनकी सुनवाई नहीं कर रही है। उन्होंने कहा कि बजट में हमें कुछ नहीं दिया गया। राशन डीलर्स को उम्मीद थी कि प्रदेश के बजट में राशन डीलर को कुछ ना कुछ जरूर मिलेगा, बजट में न मानदेय दिया गया, न ही छीजत के संबंध में कोई घोषणा की गई है। पिछले 6 महीने से राशन डीलरों को कमीशन भी नहीं मिला है। इससे प्रदेश के 27 हजार राशन डीलर नाराज हैं।
गहलोत सरकार को 15 मार्च तक का दिया समय
डिंपल कुमार शर्मा ने बताया कि शुक्रवार को सभी जिला मुख्यालयों पर राशन डीलरों ने धरना-प्रदर्शन कर एक बार फिर सरकार से गुहार लगाई है। चेतावनी भी दी है कि यदि 15 मार्च तक उनकी मांगों का निस्तारण नहीं किया गया तो 16 मार्च को बड़ी संख्या में राशन डीलर विधानसभा का घेराव करेंगे और पैदल मार्च भी निकालेंगे। इसके बाद भी यदि हमारी मांगों को नहीं माना जाता है तो आगे एक बड़े आंदोलन की रूपरेखा तैयार कर सामूहिक रूप से दुकानों को बंद करने का निर्णय लिया जाएगा।
डीलर्स की ये हैं प्रमुख मांगें
डिम्पल कुमार ने बताया कि राशन डीलर लंबे समय से 30,000 रुपए मानदेय देने की मांग सरकार से कर रहे हैं। इसके अलावा 170 रुपए प्रति क्विंटल कमीशन के साथ 5000 रुपए फिक्सेशन प्रति उचित मूल्य दुकानदार को पश्चिम बंगाल मॉडल की तर्ज पर लागू किया जाए। 55 वर्ष से अधिक उम्र के राशन डीलरों को स्वेच्छा से लाइसेंस ट्रांसफर करने की छूट दी जाए या उचित मूल्य दुकानदार की पीडीएस एक्ट 2015 के अनुसार 60 वर्ष उम्र की बाध्यता को समाप्त किया जाए। राशन डीलरों को एक प्रतिशत छीजत दिया जाए। प्राधिकार पत्र की शर्तों में संशोधन किया जाए।