बेमौसम बारिश से बर्बादी… राजस्थान के 18 जिलों में गेहूं, चना और सरसों की फसल में 25 प्रतिशत खराबा
जयपुर। प्रदेश में पश्चिमी विक्षोभ के कारण हुई बारिश और ओलावृष्टि ने प्रदेश के अन्नदाताओं की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। बेमौसम बारिश के कारण रबी की फसलों में 25 फीसदी तक नुकसान हुआ है। कृषि विभाग के आकलन के अनुसार 7 और 8 मार्च को हुई बारिश और ओलावृष्टि का असर प्रदेश के 18 जिलों में गेहूं, जौ, चना, सरसों, तारामीरा, ईसबगोल, जीरा सहित सब्जियों पर पड़ा है। इस पर सरकार ने तुरंत विशेष गिरदावरी के निर्देश दे दिए हैं।
सबसे अधिक गेहूं की फसल में नुकसान
कृषि विभाग के आकलन के अनुसार 15 जिलों में गेंहूंकी फसल में नुकसान हुआ है। सबसे अधिक बारां, चितौड़गढ़, बूंदी, बांसवाड़ा, डूंगरपुर, प्रतापगढ़, उदयपुर में 15 से 25 फीसदी खराबा हुआ है। इसके अलावा चने में कोटा, जोधपुर, उदयपुर, बारां बीकानेर चितोड़गढ़ में 30 फीसदी खराबा है। कोटा संभाग के साथ ही बीकानेर और जालोर जिलों में सबसे अधिक नुकसान है। सब्जियों में भी चितौड़गढ़, प्रतापगढ़ सहित कई जिलों में 50 फीसदी नुकसान है।
वहीं ईसबगोल, जीरा, तारामीरा की फसलों का भी भारी नुकसान हुआ है। बता दें कि सीजन में इस बार फसलों में जनवरी में पड़े पाले, और ओलावृष्टि के कारण भारी नुकसान हुआ है। जिसके बाद पककर तैयार हुई फसल पर पानी फिरने से उत्पादन में कमी आएगी। जिसके कारण किसानों को भारी नुकसान होगा।
सात दिन में विशेष गिरदावरी रिपोर्ट के निर्देश
बारिश से हुए नुकसान को लेकर सीएम के निर्देश के बाद गुरुवार को मुख्य सचिव ने सात दिन में संभागीय आयुक्तों और जिला कलेक्टरों से जानकारी मांगी। मुख्य सचिव ने जिला कलेक्टरों को निर्देश दिया कि नुकसान का आकलन करने के लिए अगले सात दिनों के भीतर विशेष गिरदावरी करवा कर रिपोर्ट आपदा प्रबंधन विभाग को भिजवाएं ताकि सरकार प्रभावित किसानों को शीघ्र राहत दी जा सके ।
माउंट आबू में सर्वाधिक 25 एमएम बरसात
मौसम केंद्र, जयपुर के अनुसार बीते तीन दिन में प्रदेश में 10.1 एमएम बारिश दर्ज की गई है। गुरुवार को जारी आंकड़ों के अनुसार माउंट आबू में सर्वाधिक 25 मिलीमीटर, बारां के किशनगंज में 14 मिलीमीटर और प्रांतीय राजधानी जयपुर में 10 मिलीमीटर बारिश हुई। जयपुर मौसम केन्द्र के निदेशक राधेश्याम शर्मा ने बताया कि आगामी चार दिन तक मौसम साफ रहेगा। जिसके बाद एक और नए पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव से 13-14 मार्च से पुनः गरज के साथ बारिश होने की संभावना है।