भीलवाड़ा : PM मोदी के लिफाफे में निकले इतने रुपए... मालासेरी डूंगरी मंदिर आने पर भेंट किया था लिफाफा
भीलवाड़ा। राजस्थान के भीलवाड़ा जिले में गुर्जर समाज के आराध्य स्थल मालासेरी डूंगरी मंदिर के दान-पात्र को सोमवार को खोला गया। इसके खुलने का लोगों को आठ माह से इंतजार था। पीएम मोदी की ओर से कोई बड़ी खुशखबरी मिलने की आस में लोग इस दान-पात्र के खुलने का इंतजार था, लेकिन जब इसे खोला गया तो लोगों को निराश हाथ लगी।
दरअसल इस दान-पात्र से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का लिफाफा भी निकला, जिसमें 21 रुपए रखे हुए थे। आठ महीने में इस लिफाफे के अंदर भीलवाड़ा के लिए कोई बड़ी सौगात या मोदी द्वारा लिखा गया कोई संदेश माना जा रहा था। गौरतलब है कि गत 28 जनवरी को पीएम मोदी मालासेरी डूंगरी आए थे। उस समय उम्मीद लगाई जा रही थी कि पीएम मोदी उज्जैन की तर्ज पर देवनारायण लोक कॉरिडोर की घोषणा करेंगे, लेकिन उन्होंने कोई घोषणा नहीं की। इसके बाद पीएम मोदी का एक फोटो सामने आया था। इसमें वे मंदिर के दानपात्र में एक लिफाफा डालते नजर आ रहे थे।
मालासेरी में हुआ था देवनारायण का जन...
मालासेरी डूंगरी आसींद उपखंड से 5 किलोमीटर दर है। बताया जाता है कि 1111 साल पहले भगवान देवनारायण की माता साडू ने यहां पर तपस्या की थी। इससे खुश होकर भगवान विष्णु ने स्वयं संवत 968 माघ माह की सप्तमी को जन्म दिया था।भगवान देवनारायण का जन्म मालासेरी डूंगरी की सबसे ऊपरी चोटी पर जमीन फटकर अंदर से निकले कमल के फूल की नाभि में हुआ था। इसीलिए यह मंदिर गुर्जर समाज का एकमात्र आस्था का स्थल है।
राजस्थान के लोक देवता और गुर्जर समाज के आराध्य भगवान देवनारायण को भगवान विष्णु का अवतार माना जाता है। माना जाता है कि भगवान विष्णु से प्राप्त शक्तियों का उपयोग देवनारायण ने लोगों की भलाई के लिए किया। यही वजह है कि लोग उन्हें भगवान मानकर पूजते हैं। वे अपने ननिहाल मप्र के देवास में पले बढ़े।
उन्होंने शिक्षा के साथ घुड़सवारी और हथियार चलाना सीखा। शिप्रा नदी के तट पर भगवान विष्णु की कठिन साधना की। गुरुओं से तंत्र शिक्षा प्राप्त की। आठवीं शताब्दी में उन्होंने अजमेर में शासन किया था। भगवान देवनारायण और उनके पिता राजा सवाई भोज के जीवन की कहानी देवनारायण की फड़ नाम के ग्रंथ में लिखी गई है जो बहुत लोकप्रिय है।
दानपात्र से निकले 19 लाख रुपए…
सोमवार तक मंदिर दानपात्र से 19 लाख रुपए निकले हैं, अभी रुपयों की गिनती जारी है। बातदें कि ये दानपात्र साल में सिर्फ एक बार खुलता है। आठ महीने से पीएम मोदी के लिफाफे को लेकर लोग अलग-अलग कयास लगा रहे थे।
दान पात्र में निकले तीन लिफाफे…
दानपात्र में आठ महीने पहले पीएम मोदी द्वारा डाले गए लिफाफे को भी खोला गया। दरअसल, पीएम मोदी के दान पात्र में डाले गए इस लिफाफे से गुर्जर समाज सहित लोगों ने कई उम्मीद लगा रखी थी। इसी के चलते लिफाफे के खुलने का इंतजार किया जा रहा था। मालासेरी डूंगरी के पुजारी हेमराज पोसवाल ने बताया कि दान पात्र से कुल तीन लिफाफे निकले है। इसमें से एक लिफाफे से 2100, दूसरे लिफाफे से 101 रुपए निकले थे। यह दोनों लिफाफे अलग-अलग रंग के थे। पीएम मोदी का लिफाफा सफेद था।
धीरज गुर्जर ने कसा पीएम मोदी पर तंज…
पीएम का लिफाफा खोले जाने का वीडियो एक्स (ट्वीट) कर राजस्थान बीज निगम के अध्यक्ष धीरज गुर्जर ने मोदी पर हमला बोला। उन्होंने लिखा- गुर्जर समाज एक सीधी, सच्ची, ईमानदार, सरल औ स्वाभिमानी कौम है। किसी कौम और समाज को इस तरह छलना अच्छी बात नहीं है।
याद है ना प्रधानमंत्री मोदीजी, जब आपका देव दरबार के 1111वें प्राकट्य दिवस पर देव धाम भीलवाडा-आसींद मालासेरी डूंगरी दर्शन का कार्यक्रम था। उस मौके पर तो आपने कुछ दिया नहीं, पर हजारों की संख्या में उपस्थित गुर्जर समाज के भाइयों से आपने और भाजपा ने वादा किया कि मैंने गुर्जर समाज को जो भी दिया है।
वह मंदिर की दान-पेटी में डाल दिया है और आज दान-पेटी खुलने पर खोले गए लिफाफे से जो 21 रुपए निकले हैं, वो गुर्जर समाज और देश के सामने आ गए हैं। क्या यही आपका विकास है? क्या यही आपका गुर्जर समाज को तोहफा है? देश के प्रधानमंत्री का किसी समाज को सपना दिखा कर छलना अच्छी बात नहीं है।