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SMS में रोबोटिक सर्जरी कर निकाली 20 सेमी की तिल्ली, 5 साल से पेट दर्द से जूझ रही महिला को मिली नई जिंदगी

रोबोटिक सर्जरी कर मरीजों को नई जिंदगी देने में सवाई मानसिंह अस्पताल नित नए आयाम स्थापित कर रहा है।
10:46 AM Dec 12, 2023 IST | Anil Prajapat
sms में रोबोटिक सर्जरी कर निकाली 20 सेमी की तिल्ली  5 साल से पेट दर्द से जूझ रही महिला को मिली नई जिंदगी

Robotic Surgery at SMS Hospital : जयपुर। रोबोटिक सर्जरी कर मरीजों को नई जिंदगी देने में सवाई मानसिंह अस्पताल नित नए आयाम स्थापित कर रहा है। मात्र 9 महीनें में अब तक एसएमएस अस्पताल में 129 रोबोटिक सर्जरी हो चुकी है। इसी तरह एक बार फिर से एसएमएस अस्पताल के डॉक्टरों ने सफल रोबोटिक सर्जरी को अंजाम दिया है। इसमें पांच साल से पेट दर्द से जूझ रही एक महिला मरीज की नई जिंदगी मिल गई है। ऑपरेशन की खास बात ये हैं कि पैनक्रियाज को बचाते हुए मात्र 1 सेंटीमीटर चीरे से 20 सेमी बड़ी तिल्ली को निकालकर मरीज को दर्द से छुटकारा दिलाया गया है। रोबोटिक पद्धति द्वारा छोटे से चीरे द्वारा पैनक्रियाज को सुरक्षित रखते हुए तिल्ली को निकालना प्रदेश में अपनी तरह का पहला मामला है।

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ऑपरेशन में करीब तीन घंटे चला और खून की आवश्यकता नहीं पड़ी। जनरल सर्जरी विभाग के सीनियर प्रोफेसर व यूनिट हेड जीवन कांकरिया ने बताया कि 26 नवंबर को डीडवाना नागौर निवासी 45 वर्षीय महिला मरीज पांच साल से पेट दर्द की शिकायत लेकर जनरल सर्जरी विभाग के आउटडोर में पहुंची। इस पर मरीज को भर्ती कर जांचें कराने पर पता लगा कि कोई खून का थक्का भोजन नली की सभी नसों में चला गया। इससे भोजन नली ने काम करना बंद कर दिया।

इससे मरीज को भोजन के बाद पेट में दर्द होने लगता है। साथ ही तिल्ली (Spleen) की खून की सप्लाई पूर्ण रूप से बंद हो गई और तिल्ली ने पूर्ण रूप से अपना काम करना बंद कर दिया और उसमें मवाद होना पाया गया। इसके चलते मरीज के तरल पदार्थ लेने पर भी पेट में दर्द रहने लगा और दिन प्रतिदिन वजन गिरने लगा। मरीज को पिछले करीब 20 दिन से लगातार उल्टी एवं सांस लेने में भी दिक्कत होने लगी।

छह घंटे बाद मरीज ने खाना-पीना शुरू किया

यह ऑपरेशन तीन घंटे तक चला और संक्रमित तिल्ली को मोरसिलेटर मशीन की मदद से बाहर निकाला गया। करीब छह घंटे बाद ही मरीज़ को खाना पीना एवं घूमना शुरू कर दिया। ऑपरेशन के अगले दिन से ही मरीज़ को दर्द से छुटकारा मिल गया। अब मरीज पूर्ण रूप से स्वस्थ है। उसको खून पतला होने की दवाइयां दी जा रही हैं, जिससे कि बाकी खून की नसों में जमा हुआ खून का थक्का भी निकल जाएं और वह पहले की तरह सामान्य जीवन जी सके।

ये रहे ऑपरेशन में शामिल

यह ऑपरेशन डॉ.जीवन कांकरिया सीनियर प्रोफ़ेसर एवं यूनिट हेड द्वारा किया गया। वहीं इस सर्जरी में डॉक्टर राम बाबू का सहयोग रहा। इसके अलावा ऑपरेशन में एनेस्थीसिया टीम डॉ. सुनील चौहान एवं डॉ. कंचन चौहान तथा नर्सिंग स्टाफ सुनील एवं दीपा का भी सहयोग रहा। डॉ. जीवन कांकरिया ने अब तक सबसे अधिक 39 रोबोटिक सर्जरी की है।

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