अंतरिक्ष में टकराएंगे 2 न्यूट्रॉन तारे, 10 अरब साल में एक बार होती है ऐसी घटना
अंतरिक्ष की कुछ ही घटनाओं को टेलीस्कोप या दूसरी तकनीक के माध्यम से देखा जा सकता है। अंतरिक्ष में रोजाना सैकड़ों घटनाएं होती हैं। इनमें से कुछ घटनाओं को खगोलविदों ने पहली बार देखा है। उन लोगोंं का मानना है कि न्यूट्रॉन सितारों की टक्कर होगी, जिसके विस्फोट को पहले ही चिह्नित कर लिया है। ये घटना 10 अरब वर्ष में एक बार होती है। खगोलविदों ने इसे पहले ही पहचान लिया है। इसका नाम रखा गया है किलोनोवा इन वेटिंग। इस घटना ने खगोलशास्त्र की धारणाओं को बदल के रख दिया है।
कैसे टकराते हैं तारे?
एक न्यूट्रॉन तारा अपने जैसे ही बड़े तारे की कक्षा के चक्कर लगा रहा है। इसमें सबसे अजीब बात यह थी कि इसमें मुख्य तारा सही द्रव्यमान का था और ये धीरे-धीरे न्यूट्रॉन तारा बन रहा है और दूसरे तारे से टकरा रहा है। बहरहाल, ये घटना अभी नहीं होने वाली है। पहले ये दोनों तारे एक कक्षा में आएंगे और फिर इनकी गुरुत्वीय तरंगें कमजोर होती चली जाएंगी। इसके बाद ये विस्फोट करेंगे। यह घटना दूर्लभतम इसलिए है कि इसमें बहुत ही कम तारे न्यूट्रॉन तारे बनने पर सही आकार ले पाते हैं।
इससे पैदा होंगी दूर्लभतम धातुएं
इन न्यूट्रॉन तारों के बीच टकराव होगा, इस घटना की पहचान 2017 में ही हो चुकी थी। खगोलीय इतिहास की सबसे अहम घटना है। जिसके बारे में लोगों को पहले ही सचेत किया जा चुका है। जब आकाशगंगा में किलोनावा जैसी घटनाएं होती है, तब ग्रहों पर दूर्लभतम धातुओं का निर्माण होता है। चिली में स्मार्ट्स 1.5-मीटर टेलीस्कोप के जरिए किलोनोवा से पहले ही इस घटना के बारे में खोज हो चुकी है।
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