आजादी के दिन पैदा हुए थे 2 धांसू क्रिकेटर, लोगों ने कुछ समय बाद भुला दिया…आज जी रहे गुमनाम जिंदगी
इस साल आगामी स्वतंत्रता दिवस को लेकर भारत में तैयारियां जोरों पर है। हर साल आजादी का यह महोत्सव हमारे देश में बड़े ही धूम-धाम से मनाया जाता है। बता दें कि 15 अगस्त 1947 में भारत को ब्रिटिश शासन से आजादी मिली थी। तमाम कुर्बानियो के बाद यह आजादी कई मायनों में खास है, लेकिन अगर क्रिकेट के दृष्टिकोण से देखें तो इस दिन ज्यादा मुकाबले मैच तो खेले नहीं गए है, लेकिन इस खास दिन 2 भारतीय क्रिकेटर्स का जन्म जरूर हुआ है।
इन दोनों ही भारतीय क्रिकेटर्स के जन्मदिन को हमेशा ही याद किया जाता है। (1) पूर्व भारतीय ऑलराउंडर विजय भारद्वाज (2) पूर्व महिला क्रिकेटर हेमलता काला का आजादी के दिन जन्म हुआ था। आइए जानते हैं इन क्रिकटर्स के बारे में….
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(1) विजय भारद्वाज
ऑलराउंडर क्रिकेटर विजय भारद्वाज का जन्म 15 अगस्त 1975 को हुआ था। उन्होंने अपने क्रिकेट करियर की शुरुआत 1999 में किया था। भारत, साउथ अफ्रीका और केन्या के बीच त्रिकोणीय सीरीज खेली जा रही थी। उस सीरीज में विजय भारद्वाज ने कमाल की गेंदबाजी करते हुए कुल 10 विकेट चटकाए और बिना आउट हुए 89 रन बनाए थे। विजय का चश्मा लगाकर खेलने का बड़ा शौक था। वह बैटिंग और बॉलिंग दोनों समय चश्मा पहनकर शानदार प्रदर्शन करते थे। उन्हें उस वक्त भारतीय टीम का बड़ा सितारा कहा जाने लगा था, लेकिन विजय भारद्वाज ने अपने अंतरराष्ट्रीय करियर में केवल तीन टेस्ट और 10 वनडे मैच खेल सके।
बता दें कि विजय को स्लिप डिस्क की परेशानी थी, जिससे ठीक होने के बाद उन्होंने अपना आंखों का ऑपरेशन कराया था। उन्होंने कहा कि वो चश्मा लगाकर खेलते थे, वहीं चश्मा हटाने के लिए उन्हें ऑपरेशन कराने की सलाह दी, लेकिन इसके बाद उनकी आंखों की रोशनी कम हो गई और जिसका नुकसान उन्हें भुगतना पड़ा। इसी कारण से विजय भारद्वाज का अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट करियर जल्दी ही समाप्त हो गया।
(2) हेमलता काला
बता दें कि उत्तर प्रदेश के आगरा में 15 अगस्त 1975 को हेमलता काला का जन्म हुआ था। वो भारतीय महिला क्रिकेटर की अहम खिलाड़ियों में से एक रही है। उन्होंने भारतीय टीम के लिए 1999 से 2008 तक 7 टेस्ट, 78 वनडे और 1 टी-20 मैच खेला है। जिसमें उन्होंने टेस्ट में 53.30 की औसत से 503 रन, वनडे में 28.87 की औसत से 1023 रन बनाए है। वह 2005 में महिला वर्ल्ड कप के फाइनल में पहुंचने वाली टीम का भाग भी रह चुकी है। साल 2021 में उन्हें बीसीसीआई ने नई जिम्मेदारी सौंपी थी। उन्हें सीनियर महिला चैलेंचर ट्रॉफी के लिए भारतीय बी टीम का कोच बनाया गया था।