पूरे देश में 2.4 करोड़ Ration Card हुए रद्द, अभी भी 70 लाख पर लटकी है तलवार
देश के करोड़ों राशनकार्ड धारकों के राशन कार्ड रद्द कर दिए गए हैं। राज्यसभा में भाजपा सांसद सुशील कुमार मोदी ने इस संबंध में एक प्रश्न पूछा था जिसका जवाब देते हुए ग्रामीण विकास और उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण राज्यमंत्री साध्वी निरंजन ज्योति ने यह जानकारी दीं।
कुल 2 करोड़ 41 लाख राशन कार्ड रद्द किए गए
केन्द्रीय राज्यमंत्री ने प्रश्न का उत्तर देते हुए बताया कि वर्ष 2017 से 2021 के बीच पांच वर्षों की अवधि के दौरान पूरे देश में 2 करोड़ 41 लाख राशन कार्ड (Ration Card) रद्द किए गए हैं। इन कार्ड्स को रद्द करने के पीछे की बड़ी वजह डुप्लीकेट, अपात्रता और जाली राशन कार्ड होना है। सबसे ज्यादा राशन कार्ड उत्तरप्रदेश में रद्द किए गए जहां कुल 1.42 करोड़ राशन कार्ड निरस्त किए गए हैं। इसके बाद महाराष्ट्र में कुल 21.03 लाख राशन कार्ड और बिहार में 7.10 लाख राशन कार्ड रद्द किए गए।
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अभी भी 70 लाख Ration Card धारकों को माना जा रहा है संदिग्ध
कोरोना काल में बिना वेरिफिकेशन किए भी बहुत से नए राशन कार्ड बनाए गए। अब इन सभी की पहचान के लिए भारत सरकार द्वारा अभियान चलाया जा रहा है। अभियान के तहत नेशनल फूड सिक्योरिटी एक्ट (NFSA) के अन्तर्गत गलत तरीके से राशन का लाभ उठाने वाले 70 लाख अपात्र Ration Card धारकों की पहचान की गई है। इन सभी का डेटा केन्द्र सरकार ने राज्य सरकारों को वेरिफाई करने के लिए भेजा है। तहसील और पंचायत स्तर पर इनकी पहचान की जा रही है।
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रद्द किए गए Ration Card धारकों से लिए गए राशन की भी वसूली होगी
वेरिफिकेशन के दौरान किसी तरह की गड़बड़ी पाए जाने के बाद इन कार्ड्स को रद्द कर दिया जाएगा और उनके द्वारा लिए गए राशन की ब्याज सहित वसूली की जाएगी। यही नहीं, जिन लोगों का नाम अभी तक किसी वजह से राशन कार्ड के लिए पात्रता होते हुए भी नहीं जुड़ पाया है, उनके लिए राशन कार्ड बनाने का काम किया जाएगा ताकि उन्हें योजना का लाभ दिया जा सके।
फूड सेक्रेटरी सुधांशु पांडे ने कहा कि रद्द किए जा रहे राशन कार्ड्स की जगह योजना के लिए पात्र आवेदकों की पहचान कर उनके राशन कार्ड बनाए जाएंगे और उन तक योजना का लाभ पहुंचाया जाएगा।