खेल-खेल में चली एयरगन, आंख में छर्रा घुसने से छात्र की मौत, डॉक्टरों की स्ट्राइक के चलते जयपुर में नहीं मिला उपचार
कोटा। राजस्थान के कोटा में एयरगन चलने से एक छात्र की मौत हो गई। मृतक छात्र अपने भाइयों को गन चलाने की जानकारी दे रहा था। इसी दौरान गलती से ट्रिगर दब गया और छर्रा आंख के पास से होता हुआ सिर में फंस गया। परिजन छात्र को लेकर कोटा के एमबीएस (महाराव भीमसिंह हॉस्पिटल) अस्पताल लेकर पहुंचे। छात्र के ब्रेन में छर्रा फंसने के कारण डॉक्टर ने उम्मीद छोड़ दी थी। यहां से डॉक्टरों ने उसे जयपुर रेफर किया गया, लेकिन जयपुर में डॉक्टरों की हड़ताल होने के बाद उसे भर्ती नहीं किया गया। इसके बाद परिजन उपचार के लिए उसे जयपुर से भी दिल्ली ले गए। बाद में वापस कोटा के एमबीएस अस्पताल लेकर आए। शुक्रवार सुबह छात्र ने दम तोड़ दिया। यह घटना कोटा के कैथून थाना क्षेत्र के झालीपुरा गांव की है।
मणिकरण की एक दिन पहले ही खत्म हुई थी परीक्षा
जानकारी के अनुसार, मृतक मणिकरण (17) अपने भाइयों को एयरगन चलाना सिखा रखा था। इसी दौरान बुधवार दोपहर करीब 3 बजे यह हादसा हो गया। हादसे की वक्त घर में केवल महिलाएं और बच्चे ही थे। मृतक मणिकरण की एक दिन पहले ही परीक्षा खत्म हुई थी। छुट्टी के दौरान उसके मामा का लड़का भी गांव आया हुआ था। मणिकरण अपने ममेरे भाई को एयरगन दिखा रहा था। इसी दौरान ये दर्दनाक हादसा हो गया। मृतक मणिकरण के पिता पिता परविंदर सिंह ने बताया घर के गेट के पास एक एयरगन रखी हुई थी। मणिकरण ने खेल-खेल में गन उठा ली और अपने भाईयों को बताने लगा कि गन कैसे चलती है ? इसी बीच अचानक से ट्रिगर दब गया और छर्रा आंख में जा घुसा।
छर्रा आंख से होते हुए दिमाग तक पहुंचा…
हादसे की जानकारी मिलते ही पिता परविंदर सिंह घर पहुंचे। आंख में छर्रा लगने से मणिकरण बेहोश हो गया और कुछ बोल नहीं पा रहा था। इसके बाद मणिकरण को तुरंत ही कोटा लेकर आए। जहां एडमिट किया तो पता चला गन का छर्रा आंख से होते हुए दिमाग तक जा पहुंचा है। कोटा के एमबीएस अस्पताल के सर्जरी विभाग के सीनियर प्रोफेसर डॉक्टर नीरज देवंदा का कहना है कि रात को उनकी यूनिट की टीम के डॉक्टर ने जांच की। छर्रा ब्रेन में चला गया था। न्यूरो सर्जन को मौके पर बुलाकर चेक करवाया था। ब्रेन डेड होने जैसी कंडीशन होने पर उन्होंने ऑपरेशन की उम्मीद से इनकार कर दिया और परिजनों को भी इसके बारे में बता दिया था। शुक्रवार सुबह छात्र ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया।
10वीं में पढ़ता था मृतक मणिकरण…
मृतक मणिकरण के पिता परविंदर सिंह गांव में खेती करते है। परविंदर सिंह का कोटा के बोरखेड़ा इलाके में भी मकान है। मणिकरण कोटा में ही 10वीं की पढ़ाई करता था। शुक्रवार को मृतक का पोस्टमार्टम करवाकर शव परिजनों को सौंप दिया गया। घटना के बाद परिजनों का रो-रो-कर बुरा हाल है।