दक्षिण अफ्रीका से भारत आएंगे 12 चीते, दोनों देशों के बीच एमओयू
नई दिल्ली/जोहानिसबर्ना। मीबिया से 8 चीतों को लाए जाने के कुछ महीने बाद भारत और दक्षिण अफ्रीका ने आखिरकार अगले महीने अफ्रीकी देश से एक दर्जन चीतों को लाने और उन्हें मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में फिर से भेजने के लिए एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं। दोनों देशों के बीच समझौता ज्ञापन (MOU) के तहत 12 चीतों का एक प्रारंभिक समूह अगले महीने दक्षिण अफ्रीका से भारत आने वाला है।
ये चीते 2022 में दक्षिण अफ्रीका के पड़ोसी नामीबिया से भारत लाए गए आठ चीतों में शामिल हो जाएंगे। वानिकी, मत्स्य पालन और पर्यावरण (डीएफएफई) ने एक बयान में कहा कि पिछली शताब्दी में अत्यधिक शिकार और आवासन स्थान के छिन जाने के कारण विलुप्त हुई इस चीते की प्रजाति को पूर्व में इसका आवासन स्थान रहे राज्य में फिर से लाने की पहल की जा रही है। एमओयू भारत में व्यवहार्य और सुरक्षित चीता आबादी स्थापित करने के लिए पक्षकारों के बीच सहयोग की सुविधा प्रदान करता है।
यह संरक्षण को बढ़ावा देता है और सुनिश्चित करता है कि चीता संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए विशेषज्ञता को साझा और आदान-प्रदान किया जाए और क्षमता का निर्माण किया जाए। नई दिल्ली में केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने शुक्रवार को बताया कि समझौते पर पिछले सप्ताह हस्ताक्षर किए गए थे और सात नर एवं पांच मादा चीतों के 15 फरवरी तक कूनो पहुंचने की उम्मीद है।
भारत से 1952 में हो गए थे विलुप्त
दक्षिण अफ्रीका, नामीबिया और बोत्सवाना में दुनिया के सर्वाधिक 7,000 चीते वास करते हैं। अत्यधिक शिकार और आवासन क्षेत्र की कमी के कारण भारत में चीते पूरी तरह से लुप्त हो गए थे। आखिरी चीता वर्तमान छत्तीसगढ़ के कोरिया जिले में देखा गया था। इसकी 1947 में मौत हो गई थी और 1952 में इस प्रजाति को भारत में विलुप्त घोषित कर दिया गया था।
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