NRI व्यवसाई से 1.83 करोड़ हड़पने का मामला : निलंबित RPS सहित 4 आरोपी 2 दिन के ACB रिमांड पर
जयपुर। NRI व्यवसाई से 1.83 करोड़ हड़पने के मामले में गिरफ्तार निलंबित आरपीएस जितेंद्र आंचलिया सहित 4 आरोपियों को एसीबी ने शनिवार को जज के समक्ष पेश किया। जहां से सभी आरोपियों को दो दिन के लिए एसीबी रिमांड पर भेज दिया है। अब एसीबी की टीम चारों आरोपियों को आमने-सामने बिठाकर पूछताछ करेगी। जानकारी के मुताबिक सुबह करीब 11 बजे जयपुर एसीबी की टीम सभी आरोपियों को लेकर प्रताप नगर स्थित जज के घर पहुंची थी। जहां एसीबी ने जज से आरोपियों के लिए 3 दिन का रिमांड मांगा। जिस पर जज ने आरोपियों को 2 के एसीबी रिमांड पर भेज दिया। अब
एसीबी की टीम सभी आरोपियों को सोमवार को वापस एसीबी कोर्ट में पेश करेंगे। रिमांड के दौरान निलंबित डीएसपी जितेंद्र आंचलिया, सब इंस्पेक्टर रोशन लाल और दोनों दलालों को आमने-सामने बिठाकर पूछताछ की जाएगी। बता दें कि एसीबी मुख्यालय में रिश्वतखोरी मामले में कार्रवाई करते हुए एसीबी ने देर रात एडिशनल एसपी पुष्पेंद्र सिंह राठौड़ के नेतृत्व में उदयपुर व राजसमंद में दबिश देकर निलंबित आरपीएस जितेंद्र आंचलिया, सब इंस्पेक्टर रोशनलाल, दलाल रमेश राठौड़ और मनोज श्रीमाली को गिरफ्तार किया था।
गौरतलब है कि एनआरआई व्यवसाई ने दिसंबर 2022 में एसीबी मुख्यालय में शिकायत दर्ज करवाई थी कि उसे आरपीएस जितेंद्र आंचलिया, सब इंस्पेक्टर रोशनलाल, दलाल रमेश राठौड़, मनोज श्रीमाली और भाई की पत्नी द्वारा ब्लैकमेल कर 1.83 करोड़ रुपए की राशि हड़पी गई है। जिस पर एसीबी मुख्यालय ने मुकदमा दर्ज कर जांच करना शुरू किया और मुकदमा दर्ज होने के बाद से ही आरपीएस जितेंद्र को निलंबित कर दिया गया।
गिरफ्तारी का डर दिखाकर किया था ब्लैकमेल
एसीबी एडीजी दिनेश एमएन ने बताया कि गिरफ्त में आए आरोपियों द्वारा परिवादी को उदयपुर बुला गिरफ्तारी का डर दिखाकर राशि हड़पी गई और लगातार उसे ब्लैकमेल किया जा रहा था। परिवादी पिछले 3 साल से कुवैत में रहकर व्यवसाय कर रहा है, जिसके छोटे भाई का परिवार उदयपुर में निवास करता है। परिवादी के छोटे भाई का कुछ साल पहले निधन हो गया था और मृतक की पत्नी ने ही परिवादी को कंपनी की जमीन 5 करोड़ में बेचने की बात कह कर दिसंबर 2022 में उदयपुर बुलाया था। जब एनआरआई व्यवसाई उदयपुर पहुंचा तो मृतक की पत्नी ने कुछ पुलिसकर्मियों व दलालों के साथ मिलकर उसे ब्लैकमेल करना शुरू कर दिया।
जमीन का फर्जी एग्रीमेंट दिखाकर धोखाधड़ी
परिवादी को सुखेर थाने में बुलाकर जमीन का फर्जी एग्रीमेंट दिखाया गया और उस पर धोखाधड़ी के आरोप लगाते हुए गिरफ्तार करने की धमकी दी गई। साथ ही परिवादी को यह धमकी भी दी गई कि अब उसे अपनी पूरी जिंदगी जेल में बितानी पड़ेगी और वापस अपने बच्चों व पत्नी के पास कुवैत नहीं जा पाएगा।
आरोपियों ने हड़पी थी 1.83 करोड़ रुपए की राशि
धमकी से घबराकर परिवादी ने जमीन को छोड़ने की बात कही और आरोपियों ने जमीन के बदले परिवादी से 1.83 करोड़ रुपए की राशि हड़प ली। जमीन का एग्रीमेंट होने के बाद परिवादी के खिलाफ दर्ज किए गए मुकदमे में एफआर लगाने की एवज में सब इंस्पेक्टर रोशनलाल ने उससे 2 लाख रुपए की डिमांड भी की। आरोपियों द्वारा लगातार ब्लैकमेल करने से परेशान होने के बाद ही परिवादी ने दिसंबर महीने में एसीबी मुख्यालय पहुंच अपनी पीड़ा जाहिर की थी, जिसके बाद प्रकरण दर्ज कर जांच शुरू की गई।
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