सडको पर यमराज बनकर घूम रहे यह आवारा पशु,सीएम की गृह तहसील में भी बना इनका आतंक
राजस्थान के कई जिलो में इन दिनो आवारा पशुओं का आतंक बना हुआ है जो एक तरह से सडको और हाईवे पर यमराज बनकर घूम रही है
राजस्थान के कई जिलो में इन दिनो आवारा पशुओं का आतंक बना हुआ है जो एक तरह से सडको और हाईवे पर यमराज बनकर घूम रही है। आवारा सांड़ों का आतंक बढ़ता जा रह है। आवारा सांडों के हमले से लोग भी घायल हो रहे है। लेकिन प्रशासन इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रहा है। वहीं राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की गृह तहसील नदबई में पिछले 8 दिनों में आवारा सांडों के हमले से तीन लोग गंभीर रूप से घायल हो चुके है। लेकिन इसके बाद भी नगर पालिका प्रशासन नहीं जागा है। नदबई शहर में एक अनोखा नजारा देखने को मिला है।
जहां देखो वहां यह आलम
जहां गली में दो साडों की लड़ाई हो गई। लड़ते-लड़ते दो सांडों में से एक सांड भागता हुआ एक घर की छत पर बने कमरे में पहुंच गया और वहां जाकर खड़ा हो गया। सूचना मिलने पर नगर पालिका के सफाई निरीक्षक अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंचे और लोगों की मदद से सांड का रेस्क्यू कर सकुशल नीचे उतारा।
हालात यहां तक बिगडे
नदबई के वार्ड- 6 की सुनार वाली गली में शुक्रवार रात को दो आवारा सांडों के बीच लड़ाई हो गई। लड़ते-लड़ते एक सांड एक घर की छत पर बने कमरे में पहुंच गया और वहां खड़ा हो गया। इसके बाद घर के सदस्यों में हड़कंप मच गया। घर के सदस्यों ने बताया कि उन्हें इस बात का अंदाजा नहीं था कि उनके घर की छत पर बने कमरे में सांड घुस गया है। जब सांड उत्पात मचाने लगा तो घर वालों को पता लगा। बाद में घर के बाहर लोगों की भीड़ जमा हो गई। लोगों ने सांड को निकालने का प्रयास किया लेकिन सांड वहां से नहीं हिला।
लोगो की मदद से किया रेस्क्यू
घर की छत पर बने कमरे में सांड जाने की लोगों ने नगर पालिका को सूचना दी। सूचना मिलते ही नगर पालिका के सफाई निरीक्षक बलवंत सिंह टीम के साथ मौके पर पहुंचे और लोगों की मदद से सांड का रेस्क्यू कर सकुशल उतारा।
8 दिन में 3 लोग हो चुके हैं घायल
नदबई शहर में पिछले 8 दिनों में सांडों के हमले से तीन लोग घायल हो चुके है। शहर में आए दिन सांड आपस में भिड़ते नजर आते है। अब तक कई लोग शहर में सांड़ों के हमले से घायल हो चुके है। लेकिन फिर भी नगर पालिका प्रशासन की ओर से अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है।
फिर भी क्यो नही सुधर रहे हालात
कलेक्टर द्वरा इस संबंध में बैठक भी ली गई थी जिसमें कलेक्टर ने नगर पालिका और नगर निगम के क्षेत्र में आवारा पशुओं को पकड़ने के लिए निरंतर अभियान जारी रखने और सड़कों पर पशुओं को बांधने वाले लोगों को नोटिस देने हेतु निर्देश दिया था। उन्होंने रोड सेफ्टी के तहत सड़कों पर घूमने वाले आवारा पशुओं को पकडकर गौशालाओं में छोडने हेतु अतिरिक्त वाहन लगाने सहित विशेष कार्यवाही करने को कहा था। इसके बाद भी स्थानीय प्रशासन कलेक्टर के आदेश को हवा में उड़ाता नजर आ रहा है। जहां पालिका प्रशासन की लापरवाही का खामियाजा शहर के लोगों को भुगतना पड़ रहा है।